यू.टी.यू सॉफ्टवेयर घोटाला : छात्रों ने किया सचिवालय का घेराव, तकनीकी शिक्षा सचिव के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, शिक्षा सचिव रणजीत सिंह का जलाया पुतला

देहरादून : वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण, भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनिमिताओ की शिकायतो को लेकर डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र पिछले छह माह से सड़को पर आंदोलनरत है ! यू.टी.यू सॉफ्टवेयर घोटाले की जांच में शासन के ढुल मुल रवैये एवं कुलपति डॉ. ओमकार यादव के साथ तकनीकी शिक्षा सचिव, तकनीकी शिक्षा मन्त्री एवं राजभवन की मिली भगत एवं अंदर खाने लगातार सह दिए जाने से नाराज़ छात्रों ने आज सचिवालय का घेराव किया एवं तकनीकी शिक्षा सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और साथ ही शिक्षा सचिव रणजीत सिन्हा का पुतला जलाते हुए भ्रष्ट सचिव के इस्तीफे की मांग की।
गौरतलब हो कि, हाल ही में तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच के दौरान विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था । विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लखनऊ स्थित एक कंपनी के साथ अनुबंध करके एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (UMS) सॉफ्टवेयर का निर्माण कराया। विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के लिए बीते 5 मई को पांच सदस्यीय कमेटी गठित किए जाने का निर्णय लिया गया। जांच समिति गठन करने के बाद समिति को 15 दिनों का समय भी दिया गया था।
इस जांच समिति में ERP सॉफ्टवेयर के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया और वित्तीय अनियमितताओं की जांच का कार्य निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल को सौंपा गया था। राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी एसआइसी, वित्त अधिकारी आईटीडीए, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर और एक अन्य अधिकारी को इस समिति में शामिल किया गया था। बीते 5 मई को जांच समिति का गठन किया गया और 9 दिन बाद यानी 14 मई को IAS नितिका खंडेलवाल को निदेशक ITDA के पद से हटा दिया गया। यह जिम्मेदारी अब IAS गौरव कुमार को दे दी गई है। इसके बाद यह जांच फिलहाल लटकती हुई नजर आ रही है।
छात्रों ने पुनः मांग की शासन की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को तुरंत बर्खास्त किया जाये एवं विश्विद्यालय के 6 करोडो रु के घालमेल की रिकवरी के लिए संलिप्त अधिकारिओ के विरुद्ध इ.डी की भी मदद ली जाये, उन्होंने कहा कि शासन की प्रथम जाँच रिपोर्ट में दोषी साबित होने पर भी कुलपति अभी तक विश्विद्यालय में घूम रहे है एवं तकनीकी शिक्षा सचिव, तकनीकी शिक्षा मन्त्री एवं राजभवन की मिली भगत एवं अंदर खाने लगातार सह दिए जाने से घोटाले के सबूतों से छेड़खानी कर रहे है। जो अब बिलकुल बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा की विवादों में शामिल होने पर भी शासन के कुछ अधिकारी मिली भगत करके कुलपति डॉ. ओमकार यादव को एवं सॉफ्टवेयर को अभी भी जारी रखे हुए है एवं छात्रों का उत्पीडन एवं विश्विद्यालय में भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनिमिताओ का दौर यथावत जारी है ! लगता है सॉफ्टवेयर कंपनी ने नीचे से ऊपर तक सभी अधिकारियो को सेट कर लिया है ! जो न सॉफ्टवेयर को हटने दे रहे है एवं ना ही जाँच को आगे बढ़ने दे रहे है ! छह माह से शासन केवल खाना पूर्ति एवं आश्वासन तक ही सीमित है !
डी.ए. वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि अब छात्रों के हितो से कोई भी खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। अब भी शीघ्र कारवाही न होने पर व्यापक राज्य स्तर पर छात्र आन्दोलन करने को मजबूर होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार एवं शासन की होगी।
इस दौरान सौरभ सेमवाल,स्वयं रावत,दक्ष रावत,मंथन,आकाश,आर्यन,नितिन,आदि कई एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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