मुंबई। मराठी घरों में इंद्रायणी के रूप में दिल जीत चुकी बाल प्रतिभा सांची भोयर अब कलर्स के नए शो बिंदी से हिंदी टेलीविज़न में कदम रख रही हैं। अपने कॅरियर की शुरुआत में ही इस नन्हीं अदाकारा ने गहराई भरे किरदारों को जीवंत करने की अद्भुत क्षमता दिखाई है और इस बार वह दिल को छू लेने वाली मां-बेटी की कहानी में शीर्षक भूमिका निभा रही हैं। शो के केंद्र में है बेटी का जेल में बंद मां के लिए अटूट संघर्ष।
जेल की चारदीवारी के भीतर जन्मी और पली-बढ़ी बिंदी की दुनिया उसकी मां काजल तक ही सीमित है, जिनके प्यार ने जेल को ही उसका खुशहाल ठिकाना बना दिया है। अंधेरे में भी धूप की किरण, बिंदी समझदार और दयालु बच्ची है, जिसकी ख्वाहिशें बेहद सरल हैं—एक सामान्य परिवार, मां के साथ समय, मां की आज़ादी और पढ़ाई का मौका। लेकिन जब क़ानून अचानक उसे जेल से बाहर कर देता है, तो उनका नाज़ुक सुख छिन जाता है। मथुरा में अपने मामा सौरव की देखरेख में पहुंची बिंदी को जेल से भी कठिन और शत्रुतापूर्ण दुनिया का सामना करना पड़ता है। अन्याय को पलटने के संकल्प के साथ, वह पढ़ाई करके खुद को मजबूत बनाना चाहती है और अपनी मां की रिहाई के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती है, जहां दुश्मन हर मोड़ पर उसका रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं।
अपने हिंदी टेलीविज़न डेब्यू को लेकर सांची ने कहा, “मैं बिंदी के लिए बहुत उत्साहित हूँ क्योंकि मैं चाहती हूँ कि हिंदी टीवी देखने वाले दर्शक भी मेरा टैलेंट देखें। साथ ही मैं नर्वस भी हूँ क्योंकि टाइटल रोल निभाना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है और मुझे हर दिन एक एक्टर के तौर पर नई-नई चीजें सीखने को मिल रही हैं। मुझे बार-बार खुद को यह याद दिलाना पड़ा कि जो बातें हमारे लिए सामान्य हैं, जैसे बाहर खेलना, स्कूल जाना या दोस्तों के साथ समय बिताना—ये सब चीजें उसके जीवन में कभी नहीं रहीं। उसका अपनी मां से रिश्ता मुझे इसलिए भी छू गया क्योंकि मेरी मां भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त और सबसे बड़ी ताक़त हैं। ‘बिंदी’ दिखाता है कि शिक्षा सबकुछ बदल सकती है। मैं चाहती हूँ कि जब लोग यह शो देखें तो वे उसकी हिम्मत महसूस करें और विश्वास करें कि किताबें और ज्ञान उनके सपनों को सच कर सकते हैं।”
गवाब बनिए बेटी की योद्धा-सी हिम्मत और मां का बंधनों से परे प्रेम, बिंदी, में। प्रसारण 17 सितम्बर से, हर रोज़ रात 8:30 बजे, केवल कलर्स पर।