CAPMUN 3.0जोधपुर के सम्मेलन में 280 से अधिक छात्रों ने विश्वस्तरीय चुनौतियों पर किया वाद-विवाद

● सात समितियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधियों ने कैपिटल मॉडल युनाइटेड नेशन्स के 2025 संस्करण में हिस्सा लिया
● उन्होंने रक्षा, कूटनीति, वैश्विक संघर्ष, शरणार्थी संकट एवं शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की
● तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य युवाओं की लीडरशिप को बढ़ावा देना, छात्रों को सार्वजनिक मंच पर विचार व्यक्तत करने तथा समस्याओं के समाधान में सक्षम बनाना था

जोधपुर: ऑर्किड्स सेंट्रल स्कूल ऑफ एक्सीलेन्स, पाल ने अपने मुख्य सम्मेलन ‘कैपिटल मॉडल युनाइटेड नेशन्स’ के तीसरे संस्करण ‘CAPMUN 3.0’ का सफल आयोजन किया। जोधपुर आयोजन में 280 से अधिक छात्रों, कार्यकारी बोर्ड के 20 सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ये क्षेत्र के सबसे रोचक छात्र-उन्मुख सम्मेलनों में से एक रहा।
तीन दिवसीय सम्मेलन में हुई चर्चाओं में छात्रों ने प्रतिनिधियों एवं कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों की भूमिका निभाई। इस चर्चाओं एवं वाद-विवाद के दौरान राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद चुनौतियों एवं इनके समाधानों पर विचार विमर्श किया गया। लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वाली समितियों ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए विवाद के संदर्भ में भारत की रक्षा क्षमता की समीक्षा की, जबकि युनाईटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउन्सिल की समितियों ने नॉन-प्रॉलिफरेशन और मध्य पूर्व के विवाद पर चर्चा की। युनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रन्स फंड -युनिसेफ टीम ने किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर विचार-विमर्श किया। अन्य समूहों में यूएनएचआरसी, सीओबीएसई, इंटरनेशनल प्रेस और एमवायएएस शामिल थे- इनमें से प्रत्येक समूह ने विभिन्न विश्वस्तरीय चुनौतियों पर अपनी राय व्यक्त की।

कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए मनोरमा राय, प्रिंसिपल, ऑर्किड्स सेंट्रल स्कूल ऑफ एक्सीलेन्स, पाल कैंपस ने कहा, ‘‘हमारे कैंपस में ब्।च्डन्छ 3ण्0 का आयोजन हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। इस सम्मेलन ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि हमारे छात्र कितने स्मार्ट और प्रतिभाशाली हैं, अगर उन्हें सही अवसर मिले, तो वे शानदार परफोर्मेन्स दे सकते हैं। भारत की रक्षा प्रणाली से लेकर, शरणार्थी संकट और मानसिक स्वास्थ्य संकट पर चर्चा तक, प्रतिभागियों ने जिस परिपक्वता, टीमवर्क और राजनयिक दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया, वह अपने आप में सराहनीय है। यह न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है बल्कि व्यवहारिक लर्निंग से मिलने वाले वास्तविक दुनिया के कौशल पर भी रोशनी डालता है।’

महासचिव निपूर्ण जोशी, के अनुसार समितियों के साथ तालमेल बनाने और सत्र के दौरान मार्गदर्शन प्रदान करने से उन्हें यह समझने में मदद मिली कि किस तरह चर्चा के द्वारा समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और आम सहमति बनाई जा सकती है। साथ ही इस आयोजन ने यह भी दर्शाया कि युवाओं की आवाज़ समस्याओं के सार्थक समाधान देने में सक्षम हैं। वहीं महानिदेशक रैना गौर ने कहा कि इस कार्यक्रम के सुगम संचालन ने योजना, टीमवर्क एवं अनुकूलनशीलता के महत्व को उजागर किया है। दोनों लीडरों ने कहा कि केवल एक सम्मेलन नहीं बल्कि एक मंच था, जिसने उन्हें भावी लीडर्स के रूप में विकसित होने में सक्षम बनाया।

सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले माननीय अतिथियों में – अंकित मिश्रा, डायरेक्टर, सेंट्रल एकेडमी; सिस्टर फ्लोरी, सेंट पॉल स्कूल, पाल; और कविता, एमयूएन कोऑर्डिनेटर, एपीएस जैसलमेर; पल्लवी मिश्रा, एकेडमिक अडवाइज़र, सेंट्रल एकेडमी बीज़ैडएस शामिल थे। CAPMUN 3.0 के आयोजन द्वारा ऑर्किड्स सेंट्रल स्कूल ऑफ एक्सीलेन्स ने छात्रों में अकादमी के दायरे से बढ़कर कौशल विकसित करने तथा बातचीत, चर्चा एवं समस्याओं के समाधान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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