उम्र कम और ख्याति रिकॉर्ड हासिल की शास्त्रीय संगीत के युवा कलाकार अनिरुद्ध ऐथल ने

  • स्वर सरताज अनुराग शर्मा की ग़ज़लों और मधुर गीतों पर मदहोश हुए विरासत की महफिल के हजारों मेहमान
  • सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ यूपीईएस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने किया दीप जलाकर
  • मशहूर ग़ज़ल और गीतकार अनुराग शर्मा ने विरासत में मचाई धूम
    कोई फ़रियाद…… ग़ज़ल पर झूम उठे श्रोतागण

देहरादून।  विरासत महोत्सव के चौथे दिन की सुबह विरासत साधना के साथ शास्त्रीय संगीत में निपुण भिन्न-भिन्न स्कूलों की कई छात्राओं के कत्थक, ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य के साथ प्रारंभ हुई । इन प्रस्तुतियों को देख एवं सुनकर श्रोताओं ने बालिका कलाकारों के नृत्य की प्रशंसा की । महोत्सव में अपने-अपने नृत्यों पर प्रशंसा बटोरने पर विरासत साधना के सभी कलाकार बेहद खुश हुए ।
मंगलवार को विरासत साधना पूरी तरह से भक्ति रस में डूबी रही, क्योंकि उसमें भिन्न-भिन्न स्कूलों की शास्त्रीय संगीत की साधना करने वाली छात्राओं ने अपनी शास्त्रीय संगीत कलाओं का बेहतर प्रदर्शन किया ।

अपनी-अपनी शास्त्रीय संगीत के साथ नृत्य का भक्ति एवं शास्त्रीय संगीत के साथ प्रदर्शन किया गया । जिसमें नृत्य किनकिरनी स्कूल ऑफ भरतनाट्यम डांस की मानवी सिंह, आई टी चिल्ड्रंस एकेडमी की रिनिका चमोली ने भरतनाट्यम पर प्रस्तुति दी । जबकि पीवाईडीएस लर्निंग एकेडमी की अदिति थापा, गुरु स्मृति संगीत शिक्षा केंद्र से तपस्या लिंगवाल, ब्रुकलिन स्कूल से प्रियंका खाती, दून सरला एकेडमी की छात्रा आद्या कुकरेती ने कत्थक नृत्य की शानदार काबिले तारीफ  प्रस्तुति दी ।

आज की सांस्कृतिक विरासत साधना की श्रृंखला में हाइ परफॉर्मेंस सेंटर से देवयानी चौहान के साथ ही दून इंटरनेशनल स्कूल से ऐशानी शर्मा, दून किड्स स्कूल से रुचिका व्यास, द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस से ऋग्वैदिता भास्कर, केवी रायपुर से वेदांशी अत्री, एन मैरी स्कूल से गायत्री रौतेला ने भी कत्थक व भरतनाट्यम डांस के बेहतरीन परफॉर्मेंस देकर सभी का मन मोह लिया । तत्पश्चात विरासत साधना की कोऑर्डिनेटर कल्पना शर्मा द्वारा आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया ।

विख्यात सितार वादक सौमित्रा ठाकुर ने अपने अद्भुत एवं आकर्षित वादन से किया सभी को ओत प्रोत


विरासत महोत्सव में आज मंगलवार को चौथे दिन की विरासत संध्या का शुभारंभ मशहूर सितार वादक सौमित्रा ठाकुर द्वारा हुआ, जिसमें यमन राग की बेहतरीन प्रस्तुति से हुए शास्त्रीय संगीत का आनंद विरासत की महफिल में आए सभी मेहमानों ने उठाया । उनके साथ तबले पर शुभ महाराज ने संगत की।
विश्व विख्यात रीच संस्था ने अपने “विरासत” के पिटारे में अनगिनत अनमोल हस्तियों का समावेश किया हुआ है, जिसमें आज की प्रारंभिक विरासत की संध्या में सितार वादक सुमित्रा ठाकुर की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया । सौमित्रा जी को यूं तो बहुत सम्मान मिले हैं, लेकिन कुछ सम्मानों से अवगत कराना आवश्यक है । उनको आकाशवाणी द्वारा “ए” ग्रेड कलाकार का सम्मान मिलने के साथ-साथ वर्ष 2009 में भारत की राष्ट्रपति रहीं प्रतिभा पाटिल से रचनात्मक प्रदर्शन के लिए बालश्री पुरस्कार (राष्ट्रपति पुरस्कार) प्राप्त हुआ। कोलकाता में आयोजित ‘डोवरलेन संगीत सम्मेलन’ में प्रथम स्थान प्राप्त किया और वर्ष 2011-2012 के ‘सर्वश्रेष्ठ वाद्य वादक’ के रूप में सम्मानित किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार से क्रमशः वर्ष 2007 और 2014 में जूनियर और सीनियर दोनों छात्रवृत्तियाँ प्राप्त कीं। वर्ष 2016 में ’20वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव प्रतियोगिता’ में प्रथम स्थान प्राप्त किया । भारतीय सांस्कृतिक न्यास द्वारा अखिल भारतीय प्रतिभा पुरस्कार 2017 से सम्मानित भी हुए।  इसके अलावा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी)भारत द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर रचनात्मकता में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2009 से 2012 तक ‘चाचा नेहरू छात्रवृत्ति’ से सम्मानित किया गया। तत्पश्चात वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2020 के लिए एनसीपीए मुंबई से सिटी एनसीपीए छात्रवृत्ति प्राप्त की। इससे पहले वर्ष 2019 में अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिए भारत सरकार से जूनियर और सीनियर रिसर्च फ़ेलोशिप (जेआरएफ और एसआरएफ) प्राप्त की। वे अब दिल्ली विश्वविद्यालय से संगीत में अपना शोध जारी रखे हुए हैं।
उनकी कुछ यादगार प्रस्तुतियों पर नजर डाली जाए तो उनमें क्रमशः मीरा नायर द्वारा समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म “द मानसून वेडिंग” के संगीत रूपांतरण के निर्माण में भाग लिया, जिसका संगीत अनुभवी बॉलीवुड निर्देशक विशाल भारद्वाज ने दिया था। शुरुआत में जनवरी 2019 में दिल्ली में और बाद में वर्ष 2022 में फीफा विश्व कप समारोह के लिए दोहा में प्रस्तुति दी। इसके बाद वर्ष 2023 में न्यूयॉर्क में इसी के ऑफ ब्रॉडवे उद्घाटन के लिए प्रस्तुति दी, जिसके 58 शो बिक गए और दर्शकों और आलोचकों दोनों से प्रशंसा प्राप्त की, जिससे द न्यूयॉर्क टाइम्स में विशेष पहचान मिली। एनसीपीए (मुंबई), श्रुति मंडल (जयपुर), कोमल निषाद (बड़ौदा), सप्तक महोत्सव ऑनलाइन कॉन्सर्ट (अहमदाबाद) और डोवरलेन संगीत सम्मेलन आवधिक कॉन्सर्ट (कोलकाता) सहित अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के लिए नियमित रूप से प्रस्तुति दी।
जून 2019 में प्राचीन कला केंद्र द्वारा आयोजित लीजेंड्स ऑफ़ टुमॉरो कॉन्सर्ट श्रृंखला में भाग लिया। इसके अतिरिक्त भारत और विदेशों में विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित लीजेंड्स ऑफ़ टुमॉरो,राइजिंग स्टार्स ऑफ़ म्यूज़िक और प्रॉमिसिंग सितार प्लेयर्स ऑफ़ इंडिया जैसी विभिन्न कॉन्सर्ट श्रृंखलाओं के तहत लगातार प्रस्तुति दी है।कोलकाता स्थित ‘शाखरी बेगम मेमोरियल ट्रस्ट’ (एसबीएमटी) में प्रस्तुति के लिए चयनित, जो कि महान उस्ताद राशिद खान द्वारा संचालित एक संस्थान है। यही नहीं, वर्ष 2010 में झारखंड के रांची में 34वें राष्ट्रीय खेल समारोह में अतिथि कलाकार के रूप में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रण मिला। उपरोक्त के अलावा सौमित्रा जी को ईजेडसीसी,डब्ल्यूजेडसीओ दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव,साहित्य कला परिषद, यूनेस्को,अमेरिकी दूतावास (दिल्ली),दूरदर्शन और भारत तथा विदेशों में कई अन्य प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
उम्र कम और ख्याति रिकॉर्ड हासिल की शास्त्रीय संगीत के युवा कलाकार अनिरुद्ध ऐथल ने

आज “विरासत” की हर्षोल्लाह से भरी महफिल में एक युवा कलाकार अनिरुद्ध ऐथल ने भी अपने कलाकार होने का फन जमकर दिखाया, जिससे विरासत महोत्सव का पंडाल संगीतमय हो गया । उनका शास्त्रीय संगीत का करियर बहुत ही उज्जवल दिशा में जा रहा है । युवा अनिरुद्ध ऐथल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार के माहिर हैं, जिन्हें गायन में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने 10 वर्ष की आयु में औपचारिक प्रशिक्षण शुरू किया और गीता गरुड़ पृथ्वीराज से 8 वर्षों तक प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब डॉ.अशोक हुग्गनवर से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। पुरस्कार विजेता होने के साथ-साथ वे ऑल इंडिया रेडियो के कलाकार भी हैं। उन्हें सीसीआरटी छात्रवृत्ति और कर्नाटक संगीत नृत्य अकादमी से सम्मानित किया गया है। प्रस्तुति में राग मारू बिहाग से शुरू होकर शांत राग कौंस के साथ एक भावपूर्ण प्रस्तुति बहुत ही शानदार हुई। अगली प्रस्तुति किराना घराने की बंदिश.. “छेड़ो ना मुझे बनवारी” इसके बाद अनिरुद्ध ने राग अड़ाना में किराना घराने की एक दुर्लभ बंदिश प्रस्तुत की जो मूल रूप से सारंगी पर बजाई जाती थी।
गायक अनिरुद्ध ऐथल के साथ शामिल हुए कलाकारों में हारमोनियम पर पंडित विनय मिश्रा,तबले पर  पंडित मिथिलेश झा तथा तानपुरा पर मोहित बैजवाल की शानदार जुगलबंदी रही ।
अपनी बहुमुखी रुचियों और अद्भुत कौशल के साथ, अनिरुद्ध ऐथल, आज के भारत के युवाओं की भावना का सही अर्थों में प्रतिनिधित्व करते हैं; बहुमुखी प्रतिभा, आत्मविश्वास और स्पष्टवादिता से संपन्न। उन्होंने अत्यंत प्रतिष्ठित ऑल इंडिया रेडियो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता जीती है। उन्हें सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), नई दिल्ली और कर्नाटक संगीत नृत्य अकादमी द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं। उन्हें ऑल इंडिया रेडियो द्वारा ‘ए’ ग्रेड भी प्रदान किया गया है, जिससे वे ए ग्रेड प्राप्त करने वाले देश के सबसे कम उम्र के कलाकार बन गए हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन किया है और पुरस्कार जीते हैं।
…….देखते ही देखते विरासत की खचाखच भरी महफिल में अनुराग शर्मा ने चला दिया अपनी मधुर आवाज़ का जादू ……


स्वर सरताज अनुराग शर्मा की ग़ज़लों और मधुर गीतों पर मदहोश हुए विरासत की
महफिल के हजारों मेहमान
सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ यूपीईएस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने किया दीप जलाकर
मशहूर ग़ज़ल और गीतकार अनुराग शर्मा ने विरासत में मचाई धूम
कोई फ़रियाद…… ग़ज़ल पर झूम उठे श्रोतागण
ग़ज़ल और गीतों की श्रृंखला में विरासत की शाम देर रात तक चलती रही और सुनने वालों का तांता लगा रहा । विरासत की महफिल में आज की बेहतरीन शाम का सफ़र मनमोहक रूप में देर रात तक परवान चढ़ा । अनुराग शर्मा के गायन में भावपूर्ण संगीत की प्रस्तुति से लोगों में मग्न मुग्ध होने का संचार लम्बे समय तक बना रहा । इस यादगार बनी महफ़िल में  अनुराग शर्मा के साथ पाँच प्रतिष्ठित कलाकारों ने अपनी गहराई और निपुणता के साथ मंच पर प्रस्तुति दी प्रस्तुति, जिनमें गिटार पर चिंटू सिंह वसीर, बांसुरी पर नीनाद भालवणकर, कीबोर्ड पर विशाल भूमल, तबले पर मणि भारद्वाज  तथा सितार पर पंडित विशाल मिश्रा जमे रहे । प्रदर्शन की शुरुआत सदाबहार ग़ज़ल “कोई फ़रियाद” से  होने के बाद समापन सूफ़ी गीत “छाप तिलक” और “मस्त कलंदर” से हुआ।
विरासत महोत्सव की बेहतरीन मधुर हुई संध्या के अवसर पर आज चौथे दिन विरासत का पंडाल मधुर स्वर के माने जाने वाले सरताज अनुराग शर्मा के गीतों और मनोरम व मधुर ग़ज़लों को सुनने के लिए देखते ही देखते खचाखच  भर गया । ऐसा लग रहा था कि मानो अनुराग शर्मा ने विरासत की आज की इस सांस्कृतिक महफिल में मौजूद श्रोतागणों पर अपनी मधुर आवाज का जादू कर दिया हो । आज की सांस्कृतिक विरासत संध्या का शुभारंभ मुख्य अतिथि यूपीईएस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया ।
अपने अनमोल कंठ से निकलने वाली मधुर आवाज़ के धनी अनुराग शर्मा निश्चित रूप से स्वर की दुनिया में ख्याति प्राप्त करने वाली मशहूर शख्सियत है । बेहतरीन मिठास और मधुर आवाज के धनी अनुराग एक गायक और संगीतकार के रूप में अपनी आवाज के जादू का प्रदर्शन भारत में ही नहीं, अपितु विश्व पटल पर कर चुके हैं । उन्होंने शास्त्रीय गायन, सरगम, तान और रागों की कला में महारथ हासिल की है। वे अपने इस हुनर का बचपन से ही प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वह नियमित रूप से आकाशवाणी, नई दिल्ली पर प्रस्तुति देते रहे हैं। उन्होंने पूरे भारत में कई संगीत समारोहों और विभिन्न मंचों पर भी भाग लिया है। खास बात यह है कि उनकी दो एकल ग़ज़ल एल्बम हैं और उन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियों की लगभग 400 ग़ज़लें  गाकर ख्याति प्राप्त की है । उन्होंने विभिन्न चैनलों पर कई टीवी धारावाहिकों के शीर्षक ट्रैक  भी गाए और उनकी रचना करके बेहतरीन मुकाम हासिल किया।

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