डीआईटी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रांगण में सस्टेनेबिलिटी पर वीरवार को अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मभूषण डॉक्टर अनिल जोशी जी ने किया । डॉक्टर अनिल जोशी जी ने बताया की, आज का युवा किस प्रकार पर्यावरण के साथ नहीं चल पा रहा है । उनका स्वास्थ्य पर्यावरण के अनुकूल नहीं हो रहा है । हमारे पर्यावरण में यह पता नहीं चलता की कब गर्मी होगी और कब सर्दी । उन्होंने कहीं अंतरराष्ट्रीय गंभीर मुद्दों पर चर्चा की । कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं संगोष्ठी के मुख्य प्रोफेसर प्रियदर्शन पात्रा ने बताया की, हम किस प्रकार से सस्टेनेबिलिटी को अपने पर्यावरण के साथ जोड़ सकते हैं, तथा एक अच्छा वातावरण बना सकते हैं । पदम श्री डॉक्टर बीकेएस संजय जी ने भी अपने विचार इस संगोष्ठी में रखें । दिव्य हिमगिरि के निर्देशक कुंवर राज अस्थाना ने कार्यक्रम के विषय में बताया की, किस प्रकार जलवायु परिवर्तन समाज को ठहराव की नई दिशा में बदलाव ला रहा है । इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स देहरादून के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह यादव जी ने वाटर रिचार्जिंग पर चर्चा की उद्घाटन सत्र का संचालन डॉक्टर नवीन सिंघल जी ने किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रघुराम जी ने दो दिवसीय संगोष्ठी के उपलक्ष में सभी आयोग को शुभकामनाएं दी।
प्रथम तकनीकी सत्र का शुभारंभ 11रू00 बजे हुआ, जिसमें उत्तराखंड फॉरेस्ट कॉरपोरेशन के एमडी डॉक्टर एसपी सुबुद्धि जी ने अपने विचार रखें । उत्तराखंड बायोडायवर्सिटी बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर दी मोहन जी ने बायो डायवर्सिटी में अपनी वक्तव्य में बताया की, किस प्रकार फॉरेस्ट को बचाना बहुत महत्वपूर्ण है । ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से डॉक्टर रीमा पंत जी ने भी अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया । प्रथम तकनीकी सत्र के मॉडरेटर डॉक्टर शीशपाल रावत जी ने अंत में सभी को अपने विचार साझा किया।
दूसरे तकनीकी सत्र में पदम श्री प्रेमचंद शर्मा जी एवम नरेंद्र यादव डॉक्टर रीमा पंत उपस्थित रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर प्रियदर्शन पात्रा ने की। दुबई से श्री समीर शर्मा जी ने अपने विचार रखें । पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा जी ने बताया की किस प्रकार हम किसानों को आगे ला सकते हैं । इंजीनियर नरेंद्र यादव जी ने जल संरक्षण पर अपने वक्तव्य को प्रस्तुत कर किया । डॉ तरुमय घोषाल ने बताया की, किस प्रकार हम एसडीएस को लागू कर सकते हैं । अंत में संगोष्ठी के कन्वीनर डॉक्टर नवीन सिंघल ने सभी का धन्यवाद दिया।
दित्यसत्र डॉक्टर आंचल शर्मा, एवम डॉक्टर जबरिंदर सिंह, स्त्र मॉडरेटर के रूप में कार्य किया।
कार्यक्रम में डॉक्टर सौरभ मिश्रा, डॉक्टर जबरिंदर सिंह, मंजुला खुल्बे, डॉक्टर अखिलेश, डॉक्टर सुहिल पोरवाल, डॉक्टर तरूमय घोषाल, इत्यादि मौजूद थे।

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